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नाग पंचमी: आस्था, परंपरा और पौराणिक महत्व

नाग पंचमी: आस्था, परंपरा और पौराणिक महत्व

नाग पंचमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो नाग देवताओं की पूजा और सम्मान के लिए समर्पित है। यह त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नाग पंचमी के अवसर पर विशेष रूप से सांपों की पूजा की जाती है और उनकी कृपा प्राप्त की जाती है। आइए जानते हैं इस पावन पर्व की महत्ता, परंपराएं और पौराणिक कथाएं।

नाग पंचमी का महत्व

नाग पंचमी का पर्व नाग देवताओं को समर्पित है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, नाग देवता पृथ्वी के रक्षक होते हैं और उनकी पूजा से सर्प भय से मुक्ति मिलती है। इस दिन नागों की पूजा करने से सुख-समृद्धि और परिवार की सुरक्षा मिलती है। नाग पंचमी के दिन नागों को दूध, चावल, लड्डू और फूल अर्पित किए जाते हैं।

पौराणिक कथाएं

नाग पंचमी से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  1. समुद्र मंथन: हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, नागों ने समुद्र मंथन के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वासुकि नाग को मंथन की रस्सी के रूप में इस्तेमाल किया गया था, जिसके कारण उन्हें देवताओं और दानवों दोनों का आशीर्वाद मिला।
  2. कृष्ण और कालिया नाग: भगवान कृष्ण की कथा में कालिया नाग का वर्णन आता है। यमुना नदी में कालिया नाग ने विष फैला दिया था, जिससे आसपास के लोग परेशान थे। भगवान कृष्ण ने कालिया नाग को पराजित कर उसे यमुना नदी छोड़ने के लिए मजबूर किया। इस घटना को नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से याद किया जाता है।
  3. महालक्ष्मी और शेषनाग: एक अन्य कथा में, देवी महालक्ष्मी ने शेषनाग की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था। इस कथा के अनुसार, नाग पंचमी के दिन शेषनाग की पूजा करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

नाग पंचमी की परंपराएं

नाग पंचमी के दिन कई धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं निभाई जाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख परंपराएं निम्नलिखित हैं:

  1. नागों की पूजा: इस दिन लोग नागों की मूर्तियों या चित्रों की पूजा करते हैं। दूध, चावल, फूल और मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं। पूजा के दौरान नाग स्तुति और नाग मंत्रों का पाठ किया जाता है।
  2. घर की सफाई: नाग पंचमी के दिन घर की साफ-सफाई की जाती है और घर के आंगन में नाग देवता का चित्र बनाकर उनकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि इससे घर में नाग देवता का वास होता है और परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है।
  3. व्रत और उपवास: नाग पंचमी के दिन कई लोग व्रत और उपवास रखते हैं। इस दिन अन्न का सेवन नहीं किया जाता और फलाहार किया जाता है। व्रत रखने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और सर्प भय से मुक्ति मिलती है।
  4. लोकगीत और नृत्य: नाग पंचमी के अवसर पर कई स्थानों पर लोकगीत और नृत्य का आयोजन किया जाता है। यह दिन सांस्कृतिक गतिविधियों से भी जुड़ा होता है और लोग अपने-अपने तरीके से इस पर्व को मनाते हैं।

नाग पंचमी का वैज्ञानिक पहलू

नाग पंचमी का पर्व एक धार्मिक त्योहार होने के साथ-साथ एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी रखता है। इस दिन नागों को दूध पिलाने की परंपरा है, जो दरअसल एक मिथक है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सांप दूध नहीं पीते और इससे उनकी सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, इस दिन हमें सांपों की पूजा तो करनी चाहिए लेकिन उन्हें दूध नहीं पिलाना चाहिए।

निष्कर्ष

नाग पंचमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हमारी आस्था, परंपराओं और पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। इस दिन नाग देवताओं की पूजा करके हम उनसे कृपा और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं। नाग पंचमी का पर्व हमें प्रकृति और उसके जीवों के प्रति सम्मान और सहानुभूति सिखाता है। इस पावन अवसर पर, हम सबको अपने परिवार और समाज के साथ मिलकर नाग पंचमी का पर्व मनाना चाहिए और नाग देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।