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सावन महिना शिव जी के लिए क्यों खास होता है? 5 somwar ka super coincidence 2024

सावन महिना शिव जी के लिए क्यों खास होता है?

सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है, विशेषकर भगवान शिव के भक्तों के लिए। यह महीना श्रावण के रूप में भी जाना जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित है। इस दौरान भक्त भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान और व्रत करते हैं। तो आइए जानते हैं कि सावन महिना शिव जी के लिए क्यों खास होता है।

1. सावन महिने का पौराणिक महत्त्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावन का महीना समुद्र मंथन की कहानी से जुड़ा हुआ है। जब देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया, तब इस मंथन से कई अमूल्य रत्न और वस्तुएं निकलीं। इनमें से एक था हलाहल विष, जिसे किसी ने ग्रहण नहीं किया। तब भगवान शिव ने इस विष को पी लिया और अपने कंठ में रोक लिया। इस कारण उनका कंठ नीला हो गया और वे नीलकंठ के नाम से प्रसिद्ध हुए। इस विष से भगवान शिव को राहत देने के लिए देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। तब से सावन के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा आरंभ हुई।

 

सावन महिना शिव जी के लिए क्यों खास होता है?

2. श्रावण सोमवार व्रत

सावन महीने में सोमवार का विशेष महत्त्व होता है। इसे श्रावण सोमवार के नाम से जाना जाता है। भक्त इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस व्रत को रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। सावन सोमवार व्रत को करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

3. कांवड़ यात्रा

सावन महीने में कांवड़ यात्रा का भी विशेष महत्त्व होता है। भक्त गंगा नदी से जल भरकर पैदल यात्रा करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए विभिन्न शिव मंदिरों में जाते हैं। इसे कांवड़ यात्रा कहा जाता है। इस यात्रा का उद्देश्य भगवान शिव को प्रसन्न करना और उनकी कृपा प्राप्त करना होता है। कांवड़ियों के लिए यह यात्रा भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।

4. शिव पुराण और रुद्राभिषेक

सावन महीने में शिव पुराण का पाठ और रुद्राभिषेक का आयोजन भी किया जाता है। शिव पुराण का पाठ करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। रुद्राभिषेक में भगवान शिव का अभिषेक विभिन्न पवित्र वस्तुओं जैसे दूध, दही, घी, शहद, और गंगा जल से किया जाता है। इसे करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होती है।

5. प्राकृतिक सौंदर्य और मानसून

सावन का महीना मानसून का महीना होता है, जब प्रकृति अपने सौंदर्य के चरम पर होती है। इस महीने में चारों ओर हरियाली छा जाती है, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। उनकी जटाओं से निकलने वाली गंगा नदी भी इस महीने में प्रचुर मात्रा में जल प्रवाहित करती है। इस प्राकृतिक सौंदर्य और मौसम का आनंद लेते हुए भक्त भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं।

6. विवाह और सौभाग्य

मान्यता है कि सावन महीने में भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने और व्रत रखने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। विशेषकर कुंवारी कन्याएं इस महीने में व्रत रखकर भगवान शिव से योग्य वर की प्राप्ति की प्रार्थना करती हैं।

7. उपवास और तपस्या

सावन महीने में उपवास और तपस्या का विशेष महत्त्व होता है। भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं और उनकी कठोर तपस्या करते हैं। इससे मन, वचन, और कर्म की शुद्धि होती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र होता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा, व्रत, और अनुष्ठान करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सावन के महीने का पौराणिक, धार्मिक, और आध्यात्मिक महत्त्व इसे अन्य महीनों से विशेष बनाता है। इसलिए सावन महिना शिव जी के लिए विशेष और अनूठा होता है।

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