kya h gnesh ki ke sath lakmi ji ki puja ki wajah
kya h gnesh ki ke sath lakmi ji ki puja ki wajah
दिवाली पर मां लक्ष्मी के साथ गणेशजी की पूजा करने का विशेष महत्व है। यह परंपरागत रूप से हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक आदान-प्रदान का हिस्सा है। इसके पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
- शुभारंभ का आशीर्वाद: गणेशजी को हिंदू धर्म में शुभारंभ का देवता माना जाता है। वे विद्या, बुद्धि, और संपत्ति के देवता हैं। लक्ष्मीपूजा से पहले गणेशजी की पूजा करना, शुभकामनाएं मांगने और कार्यों की सफलता के लिए शुभ होता है। यह अनुमानित करता है कि सभी दिवाली के कार्य भगवान गणेशजी के आशीर्वाद से शुरू होंगे।
- विघ्ननाशक: गणेशजी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है कि वे विघ्नों को दूर करने वाले हैं। इसलिए, गणेशजी की पूजा करने से पहले, लोग उनसे विघ्नों की दूरी के लिए आशीर्वाद प्रार्थना करते हैं, जिससे कि मां लक्ष्मी के आगमन के समय कोई बाधा नहीं होती।
- पूजा की परंपरा: गणेशजी की पूजा हमारे धार्मिक और पारंपरिक मान्यताओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है। दिवाली पर गणेशलक्ष्मी पूजा करने की परंपरा दिवाली की प्रमुख पूजाओं में से एक है। इस परंपरा के अनुसार, यदि गणेशजी की पूजा नहीं की जाती है, तो मां लक्ष्मी की पूजा संपन्न नहीं होती।
- संपत्ति और सफलता के बर्तन: गणेशजी के द्वारा प्रतिष्ठित किए गए हस्ताक्षर, वस्त्र, और आभूषण का अर्थिक महत्व है। यह संकेत करता है कि मां लक्ष्मी की वर्षा अथवा संपत्ति, वित्तीय सफलता और खुशहाली की वृद्धि गणेशजी के आशीर्वाद से होती है।
इस प्रकार, गणेशजी की पूजा दिवाली पर मां लक्ष्मी के आगमन के लिए महत्वपूर्ण होती है, और यह धार्मिक और पारंपरिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
गणेशजी की पूजा करने का मुख्य कारण वहाँ अवस्थित साक्षात्कार में मां लक्ष्मी के आगमन के लिए साधारण रूप से कहा जाता है। यह दिवाली पर संपन्न होने वाली पूजा में मां लक्ष्मी की उपासना और प्रार्थना को पवित्र और सम्पूर्ण करता है। इसके अलावा, इसमें निम्नलिखित कारणों के कारण गणेशजी की पूजा लक्ष्मी पूजा के साथ संयुक्त होती है:
- विघ्ननाशक: गणेशजी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, अर्थात् वे विघ्नों को हरने वाले हैं। इसलिए, गणेशजी की पूजा से पहले उनका ध्यान आकर्षित करके, भक्त विभिन्न विघ्नों की प्रार्थना करते हैं जो मां लक्ष्मी के आगमन में बाधा पैदा कर सकते हैं।
- समृद्धि और वित्तीय सफलता: गणेशजी धन, समृद्धि और वित्तीय सफलता के देवता माने जाते हैं। उन्हें इसलिए पूजा जाता है कि वे उच्च श्रेणी के विद्युत यानि लक्ष्मी माता की कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
- पूजा की परंपरा: गणेशजी की पूजा और मां लक्ष्मी की पूजा दिवाली के रास्ते में धार्मिक और पारंपरिक प्रक्रिया के रूप में आती है। इसे अपने पूर्वजों की मान्यताओं का पालन करने के लिए भी किया जाता है।
इन सभी कारणों के कारण, गणेशजी की पूजा लक्ष्मी पूजा के साथ संयुक्त होती है ताकि दिवाली पर मां लक्ष्मी की कृपा, आशीर्वाद, और समृद्धि सभी भक्तों के पास हो सकें।
गणेशजी की पूजा करने का मुख्य कारण वहाँ अवस्थित साक्षात्कार में मां लक्ष्मी के आगमन के लिए साधारण रूप से कहा जाता है। यह दिवाली पर संपन्न होने वाली पूजा में मां लक्ष्मी की उपासना और प्रार्थना को पवित्र और सम्पूर्ण करता है। इसके अलावा, इसमें निम्नलिखित कारणों के कारण गणेशजी की पूजा लक्ष्मी पूजा के साथ संयुक्त होती है:
- विघ्ननाशक: गणेशजी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, अर्थात् वे विघ्नों को हरने वाले हैं। इसलिए, गणेशजी की पूजा से पहले उनका ध्यान आकर्षित करके, भक्त विभिन्न विघ्नों की प्रार्थना करते हैं जो मां लक्ष्मी के आगमन में बाधा पैदा कर सकते हैं।
- समृद्धि और वित्तीय सफलता: गणेशजी धन, समृद्धि और वित्तीय सफलता के देवता माने जाते हैं। उन्हें इसलिए पूजा जाता है कि वे उच्च श्रेणी के विद्युत यानि लक्ष्मी माता की कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
- पूजा की परंपरा: गणेशजी की पूजा और मां लक्ष्मी की पूजा दिवाली के रास्ते में धार्मिक और पारंपरिक प्रक्रिया के रूप में आती है। इसे अपने पूर्वजों की मान्यताओं का पालन करने के लिए भी किया जाता है।
इन सभी कारणों के कारण, गणेशजी की पूजा लक्ष्मी पूजा के साथ संयुक्त होती है ताकि दिवाली पर मां लक्ष्मी की कृपा, आशीर्वाद, और समृद्धि सभी भक्तों के पास हो सकें।