पितृपक्ष 2025 की अपडेटेड जानकारी
📅 तारीखें (2025 में)
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पितृपक्ष शुरू होगा: 7 सितंबर 2025 (रविवार)
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पितृपक्ष समाप्त होगा: 21 सितंबर 2025 (रविवार, सर्वपितृ अमावस्या)
👉 यानी पूरे 15 दिन तक ये काल चलेगा।
🌿 पितृपक्ष क्यों मनाते हैं?
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शास्त्रों के अनुसार, हमारे पितरों की आत्मा तृप्ति और शांति के लिए श्राद्ध आवश्यक है।
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इस समय पितृलोक के द्वार खुले रहते हैं और हमारे कर्म, दान और तर्पण सीधा हमारे पितरों तक पहुँचता है।
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श्राद्ध करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
🪔 पितृपक्ष में क्या करना चाहिए
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गंगा, सरयू या किसी भी पवित्र नदी/तालाब पर तर्पण और पिंडदान।
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ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन और दान।
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घर पर तिल, जल, कुश और पिंड अर्पण।
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काला तिल, चावल, घी और पुष्प का विशेष महत्व।
🚫 पितृपक्ष में क्या नहीं करना चाहिए
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कोई भी नया काम (शादी, गृह प्रवेश, नामकरण, सोना-चाँदी खरीदना) शुभ नहीं माना जाता।
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मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज का सेवन वर्जित है।
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वाद-विवाद और झूठ बोलने से बचना चाहिए।
✨ 2025 का महत्व क्यों खास है?
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इस साल पितृपक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन अमावस्या (सर्वपितृ अमावस्या) तक रहेगा।
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ज्योतिष के अनुसार, 2025 में शनि और राहु की स्थिति पितृदोष निवारण उपायों को और अधिक प्रभावी बनाएगी।
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जो लोग लंबे समय से पितृदोष से परेशान हैं (कुंडली में दोष), उनके लिए ये श्राद्ध विशेष फलदायी होगा।
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